जब से तुम मेरे गाँव में आई हो
मेरे गाँव का हुलिया ही बदल गया
अब वह टेढी मेढी पगडंडी
मिट्टी भरी राहें
नजर नहीं आती
अब तो गाडी और बस की आवाज सुनाई देती है
मोटरसाइकिल का फर्राटा फडफडफडाता है
अब बैलगाड़ी की रून झून
इक्केवाला की टपटप नहीं
चार पहिया का बोलबाला है
नजर उठी कि गाडी सर्र से गुजर गई
धूल और धुआं उडाते हुए
अब पेडों की हवा कम
घुआ का गोला ज्यादा दिखता है
अब मिट्टी की सौंधी महक नहीं
पेट्रोल और डीजल की गमक
घंटों का काम मिनटों में
दूरी कम हो गई है
पहले रिश्तेदारी में जाते थे
तब एक - दो दिन तो रह ही जाता थे
आज तो एक - दो घंटे में लौट आते हैं
जैसे रास्ते की दूरी कम हो गई है
दिलों की दूरियां बढ गई है
अब झटपट फटाफट का जमाना है
एक सडक क्या आई
न जाने क्या क्या बदल गए
विकास की सीढी चढ हमने
सुकून- शांति का मतलब बदल दिया
जीवन जीने का नजरिया बदल दिया
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