कौन सी पुस्तक
कौन सा लेखक
किसने लिखा
भाग्य का लेखा
नया दिन नया पन्ना
उलट रहे हम
पता नहीं
अगले पन्ने पर क्या लिखा है
इससे अंजान हैं हम
कहानी कौन सा मोड लेगी
यह भी नहीं पता
बस अंदाज लगाते हैं
उम्मीद रखते हैं
डर लगता है कभी-कभी
पिछले पन्ने की गाथा से
तब भी आस लगा रहता है
इस साल कुछ अच्छा होगा
जिंदगी के समुद्र की अखंड गर्जना
तब भी सृजन का क्रम नहीं थमता
हम बालू से किनारे घर बनाते हैं
कण कण इकठ्ठा कर
कब कौन सी लहर आएगी
इसे बहा ले जाएंगी
इन सब से अनभिज्ञ
स्वयं को दिलासा देते हुए
जल भरे ऑखों से हंसते हुए
तुम्हारा बांह पसारे स्वागत करते हुए
नव वर्ष स्वागत स्वीकार करों
अगले पन्नों पर सब सुखद होगा
कहानी अभी तो शुरू ही है
सुखांत हो
नया हो
हटकर हो
बस यही कामना
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Monday, 10 January 2022
नव वर्ष में कामना
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