Monday, 10 January 2022

नव वर्ष में कामना

कौन सी पुस्तक
कौन सा लेखक
किसने लिखा
भाग्य का लेखा
नया दिन नया पन्ना
उलट रहे हम
पता नहीं
अगले पन्ने पर क्या लिखा है
इससे अंजान हैं हम
कहानी कौन सा मोड लेगी
यह भी नहीं पता
बस अंदाज लगाते हैं
उम्मीद रखते हैं
डर लगता है कभी-कभी
पिछले पन्ने की गाथा से
तब भी आस लगा रहता है
इस साल कुछ अच्छा होगा
जिंदगी के समुद्र की अखंड गर्जना
तब भी सृजन का क्रम नहीं थमता
हम बालू से किनारे घर बनाते हैं
कण कण इकठ्ठा कर
कब कौन सी लहर आएगी
इसे बहा ले जाएंगी
इन सब से अनभिज्ञ
स्वयं को दिलासा देते हुए
जल भरे ऑखों से हंसते हुए
तुम्हारा बांह पसारे स्वागत करते हुए
नव वर्ष स्वागत स्वीकार करों
अगले पन्नों पर सब सुखद होगा
कहानी अभी तो शुरू ही है
सुखांत हो
नया हो
हटकर हो
बस यही कामना

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