Thursday, 3 February 2022

माँ सबसे बडी पाठशाला

माँ अनपढ़ है या पढी - लिखी
उससे कोई फर्क नहीं पडता
वह अपनी संतान की सबसे अच्छी शिक्षक होती है
वह ऐसी विशाल पाठशाला है
जिसकी पढाई कभी खत्म नहीं होती 
इसका समय भी नहीं होता
दिन- रात चलती है
हर समय नजर रखती है
शरीर से मन से भावना से
यहाँ कोई फीस नहीं चुकानी पडती
बिल्कुल मुफ्त 
उसकी शिक्षा के आगे बडे बडे इंटरनेशनल स्कूल भी फूल
वह ऐसी ओपन यूनिवर्सिटी है
जहाँ कभी भी परीक्षा देनी पड सकती है
उससे हर रोज डिग्री और सर्टिफिकेट लेना पडता है
वह सीमेन्ट और ईटों की बनी पाठशाला नहीं है
वह हाड - मांस से बनी माता है
उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता 

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