सुना है विश पूरी होती है
तब हमने भी ऐसा किया
न जाने कितनी बार
भगवान ऊपर रहते है न
तारे उनके करीब होंगे
वे शायद हमारी बात उन तक पहुंचा देंगे
तभी तो हमने उनका सहारा लिया
यह जानते हुए भी
यह मात्र एक खगोलीय घटना है
विज्ञान के युग में रहते हैं
तब भी ऐसी बातों पर विश्वास करते हैं
कभी बाबा का कभी महात्मा का
कभी साधु का कभी ज्योतिष का
हम सहारा लेते रहते हैं
अगर ईश्वर को हम मानते हैं
तब डायरेक्ट क्यों नहीं अपनी बात उन तक पहुंचाते
अपनी भक्ति और श्रद्धा पर भरोसा नहीं
या फिर अपने ईश्वर पर
इन सबकी जरूरत नहीं है
सीधे संवाद कीजिये
आपकी बात वह सुन ही रहा है
अब क्या और कैसे करना है
यह उस पर छोड़ दें
सीधे उसी से संवाद करें
बिना बोले भी वह जान जाता है
वह तो मन को भाप लेता है
तभी तो सर्व शक्ति मान है
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