मेरा क्या दोष भाई
मुझे क्यों पटक फोड रहे हो
मेरा काम तो आवाज सुनाना
क्यों अपने झगड़े में मुझे घसीट रहे हो
मैं ही अंजान देता हूँ
मैं ही भजन सुनाता हूँ
मैं ही पन्द्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी को स्वातंत्र्य गीत सुनाता हूँ
लोगों में क्रांति का संचार करता हूँ
सेनानियों की याद दिलाता हूँ
जन्म- मरण , शादी , - उत्सवों में साथ निभाता हूँ
मुझसे किसी को क्या दुश्मनी
आप तो मुझे जिस तरह चाहे इस्तेमाल करते है
कभी कानफोड़ू आवाज
कभी ढम ढमा ढम
दिन भर रात भर
हर जगह जरूरत है मेरी
स्कूल से लेकर नेताओं के भाषण तक
वहाँ तो भेदभाव नहीं
तेरा मेरा नहीं
तब संयम और सब्र से काम ले
किसी को तकलीफ न हो
मैं भी यही चाहता हूँ।
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