अपनी जिंदगी मत समझना
उनकी भी अपनी जिंदगी है
कुछ सपने हैं कुछ आंकाक्षाए हैं
अपनी आंकाक्षा उन पर लादने की कोशिश मत करना
जन्म अवश्य दिया है आपने
पालन पोषण भी किया है
इसे एहसान या उपकार करने की भूल न करना
यह तो प्रकृति का नियम है
जन्म देने के कारण आप कोई महान हो गए
आप जो बोलेगे
जैसा कहेंगे
आपकी संतान वह सब करें
आपकी इच्छाओं पर खरी उतरने का प्रयास करें
आपके सपनों को साकार करें
तब उसकी स्वयं की जिंदगी का क्या
उसका व्यक्तित्व तो आपकी परछाई बन रह जाएंगा
परछाई ज्यादा देर साथ नहीं रहती है
उसको अपना व्यक्तित्व निर्माण करने दीजिए
आप उसके मार्ग दर्शक हो सकते हैं
निर्णायक नहीं
यह तो उस पर छोड़ दीजिए
उसके भाग्य और कर्म पर छोड़ दें
आप पालक है विधाता नहीं
यह मत भूलिए।
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