मत जोहो
मत इंतजार करो
मत ज्यादा सोचो
कौन पहले पहल करेगा
कौन पहले बात करेंगा
पहले तुम पहले तुम
कहते-कहते कहीं समय न निकल जाय
खता किसी की भी हुई हो
यह मत सोचो
कभी-कभी मन तो करता है
दोनों तरफ से चाहा भी जाता है
पर इसी सोच के कारण रह जाता है
एक ही बार तो यह अनमोल जिंदगी मिली है
न जाने कब फिसल जाय
और हम पछताते ही रह जाय
नाते रिश्तेदार
यार दोस्त
सबसे निभा कर रहे
कभी-कभी छोटी सी बात की कसक
हम पनपने देते हैं
उसका कुछ फायदा तो है नहीं
बस हमारी अहं की संतुष्टि के लिए
अगर मन करता है
तब मन की मानिए
जिद छोड़
आप ही पहल कर ले
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