सुबह से कतार में लगे
एक दिन नहीं तो दूसरे दिन फिर
एक दुकान में नही मिली
तो आठ आठ दुकानों के चक्कर
गजब का धैर्य
इस बीच न किसी की तबियत खराब
न कोई बेहोश हुआ
न अमीर न गरीब
न जात पात न धर्म
सब खडे हैं
अपनी बारी की प्रतीक्षा में
कमाल हो गया
सोशल डीशस्टिंग गायब
सरकार ने जैसे पीने का लाइसेंस दे दिया है
पहले छुप कर लेते थे
आज खुलेआम
सब शर्म गायब
और अब लगता है
देश का कर्णधार भी यही हो गया है
आमदनी का जरिया
गरीबी गायब हो गई
पैसा है तभी तो नशा है
कौन कहता है
लोग खाने बिना मुहाल है
खाने बिना नहीं पीने बिना
हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है
भेद कराती मंदिर मस्जिद
मेल कराती मधुशाला
आज एक और भी तथ्य सामने है
राजस्व बढाती मधुशाला
सरकार को उबारती मधुशाला
करोना भी पानी पानी है
शराब के सामने
शराब पीने वाला किसी से नहीं डरता
तब करोना की क्या औकात
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