चहल-पहल शुरू
बहुत कुछ खुल गए
बहुत कुछ छूट दी गई
बहुत रियायत भी
इसका यह मतलब नहीं
करोना खत्म हुआ है
अभी तक तो घर में बंद थे
सुरक्षित थे
असली परीक्षा तो अब होनी है
बाहर निकलना है
काम करना है
साथ में सोशल डीशस्टिंग का पालन भी करना है
भूलना नहीं है
करोना विद्यमान है
वह कभी भी
किसी भी तरह
चपेट में लेने को तैयार बैठा है
घात लगाकर शिकार करने को
घर में बैठ नहीं सकते
यह भी ठीक
पर बिना कारण घर से बाहर न निकले
यह तो संभव है
यह तफरी करने का समय नहीं
बचने का समय है
अपने को और अपने प्रियजनों को
महामारी का खतरा अभी मंडरा रहा है
वह और विकराल रूप धारण कर रहा है
जिनको जरूरी है
वे निकले
आपका काम चल सकता है
तब क्या जरूरत है
आ बैल मुझे मार करने की
No comments:
Post a Comment