रौनक आई है
खुशियाँ आई है
लक्ष्मी आई है
तब जी भर कर स्वागत
उसे दुर्गा बनाना है अबला नहीं
वह किसी से कम नहीं
यह भी जताना है
क्या फर्क है
संतान तो संतान है
हमारा ही अंश है
उसके सपने हमारे सपने
हमारा अभिमान है वह
हमारी शान है वह
उसे देखकर कहें लोग
वह देखो
बेटी का बाप जा रहा है
उसके नाम से पहचाने जाएं
तब तो उसके लिए
वह सब करना होगा
जिसकी वह हकदार है
अधिकार भी समान
कर्तव्य भी समान
बेटा - बेटी भी समान
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