मैं चांद हूँ
नीरव और शांत
शुभ्र और चलायमान
मेरी रोशनी मद्धिम-मद्धिम
किसी की ऑखों में चुभती नहीं
मुझमें सूर्य जैसा तेज नहीं
वह प्रकाश नहीं
फिर भी मैं हूँ
मेरा अस्तित्व है
मैं गतिशील हूँ
मेरी भी प्रतीक्षा होती है
मैं सुकून देता हूँ
कोई भी मुझसे नाराज नहीं होता
सबको साथ लेकर चलता हूँ
छोटे छोटे तारों को भी टिमटिमाने देता हूँ
मुझमें भी दाग है
फिर भी सौदर्य की बात हो
तब मेरी ही उपमा दी जाती है
कोई भी परिपूर्ण नहीं
तब मैं कैसे
कभी घटता हूँ
कभी बढता हूँ
कभी संभलता हूँ
मैं जो हूँ
जैसा हूँ
सबका प्यारा हूँ
बच्चों का मामा हूँ
सुहागिनो का प्यारा हूँ
प्रेमियों का साथी हूँ
कवियों का दुलारा हूँ
शिवजी की जटा पर विराजमान हूँ
ईद की छटा में शोभायमान हूँ
मेरे बिना तो तारे भी अधूरे
मैं अंधकार में सहारा हूँ
मैं तुम्हारा प्यारा चांद हूँ
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