Friday, 16 September 2022

रिश्ता निभाना

रिश्ता निभाना एक ही के जिम्मे 
ऐसा रहा तो खटास आ ही जाएंगी 
ताली भी एक हाथ से नहीं बजती 
दोनों हाथ का इस्तेमाल करना पडता है
तभी जाकर आवाज आती है
रोटी को भी दोनों तरफ से सेकना पडता है
एक तरफ से तो कच्ची रह जाएंगी 
बेस्वाद हो जाएंगी और पेट भी खराब 
स्वाद के लिए तो दोनों तरफ से अच्छी तरह से सींकना पडेगा
एक ऑख बंद कर दे तो बैचैनी हो जाएंगी 
देखने पर असर पड़ेगा 
वैसी ही बात कान पर भी लागू 
एक में रूई ठूंस ले तो कम आवाज सुनाई देंगी 
जब दोनों होठ मिलते हैं तभी प्यारी सी मुस्कान आती है
एक पैर हो या एक हाथ हो
उनके साथ रहना जिंदगी को मुश्किल में डाल देता है
वही बात रिश्तों के साथ है
दोनों को निभाना पडेगा तभी वह दूर तक चल सकते हैं
बराबर अधिकार,  बोलने की आजादी 
मन में प्रेम और खुलापन 
दोनों का सहयोग 
मन से मन जुड़े तब रिश्ता कैसे ना निभे ।

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