Wednesday, 12 October 2022

कृष्ण --14

बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्  ।
मासानां  मार्गशीर्षो हमृतूनां कुसुमाकरः ।।


मैं  सामवेद के गीतों में  बृहत्साम हूँ 
छन्दों में गायत्री हूँ 
समस्त महीनों में मैं मार्गशीर्ष 
तथा समस्त  त्रृतुओं में  फूल खिलाने वाली वसन्त त्रृतु  हूँ  ।।

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