Sunday, 16 October 2022

रावण दहन

रावण जलता है हर साल
इस साल भी जला
आतिशबाजी भी हुई 
लोगों ने मजा लिया
तालियाँ बजाई
रावण का दहन हुआ 
बुराई पर अच्छाई की विजय 
अधर्म पर धर्म की विजय 
अन्याय पर न्याय की विजय
विजयादशमी संपन्न हुई 

यह भी ध्यान रहें 
रावण साधारण मानव नहीं था
त्रृषि पुलत्स्य का नाती
कुबेर का भाई
वेदों का ज्ञाता
अंकाड विद्वान पंडित
महान शिव भक्त 
उसका अंत इस तरह 
कारण जब पाप ने घेरा
घमंड ने कब्जा कर लिया
पराई स्त्री पर कुदृष्टि 
यह सब उसके अंत का कारण 

यही तो सीख है
हम साधारण जीवन जीए
व्यभिचार से दूर रहें 
ईमानदारी से रहें 
सत्य की राह पर चलें 
नम्र रहें 
आखिर अंत में सबको इस संसार से रूखसत ही होना है
क्यों सदियों तक हमें जाना जाएं 
हम क्या थे
कर्म करें 
ऊपर वाला सब देख रहा है
छोड़ दीजिए सब उस पर

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