दिमाग से नहीं
दिमाग तो जोड़ता घटाता है
नफा नुकसान देखता है
वह कोमल नहीं होता
दिल तो इन सबसे परे
जो इसमें बसा है वह बसा ही है
अच्छा हो बुरा हो
कभी प्यार कभी गुस्सा
कभी नाराजगी
लेकिन फिर लौट कर उसी राह पर
वह कैसे भूलाया जा सकता है
जो दिल के करीब हो
जो अपना हो
लाख कोशिश हो फिर भी वह कायम
यह दिल है जनाब
उसकी तिजोरी तो भरी पडी है यादों से
रात - दिन वह उसी में सुरक्षित है
उसे न कोई छीन सकता है
न लूट सकता है
हर वक्त साथ रहती यह याद
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