उसकी परिभाषा क्या
पति - पत्नी
पति - पत्नी और उनके बच्चे
पति - पत्नी , दादा - दादी और बच्चे
पति-पत्नी, दादा- दादी , चाचा - चाची , बुआ
देवर ,ननद, सास ससुर , जेठ , जेठानी , भैया - भाभी
काका , मामा , फूफा , ताऊ बहनोई
औ न जाने कितने रिश्ते
शायद कुछ वर्ष बाद यह भी न रहें
नया शख्स जान भी न पाए
ऐसे भी कुछ जीव थे
आज हम दो या हमारे दो
कभी कभी तो हम दो हमारा एक
विडम्बना तो तब और भी
मैं और हमारा एक
ज्यादा हुआ तो केवल मैं
संयुक्त परिवार की तो बात ही छोड़ दे
आज तो पति- पत्नी भी विभक्त
उस पीढ़ी में जन्मे बच्चे यह सब कैसे जानेंगे
वसुधैव कुटुंबकम की परिभाषा
जब स्वयं का ही परिवार नहीं
तब पूरी वसुधा को कैसे परिवार मान लिया जाएंगा
वह त्याग की भावना कहाँ से आएगी
राम, लक्ष्मण, भरत , शत्रुघ्न को कैसे समझ पाएंगे
परिवार अब इतिहास की किताबों में रहेंगा
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