किसी का समय कट जाता है
कोई समय को जी जाता है
इस कटने और जीने में बहुत फर्क है
यह वक्त का पहिया है
कब किस करवट बदले
कभी-कभी ताउम्र जिंदगी गुजर जाती है इसे बदलने में
पर वह नहीं बदलता
जब यह बदलता है
तब फर्श से अर्श पर और अर्श से फर्श पर पहुंचा देता है
वक्त की मार तो दिग्गजों को भी नहीं छोड़ती
कब अपना भी वक्त आएगा
कभी-कभी यही सोचते रह जाते हैं
और वह टस से मस नहीं होता ।
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