उस पर ऑख मूंद कर
जब वही शख्स विश्वास घात करता है
तब यकीन नहीं होता
परन्तु करना पडता है
जब सच पता चलता है
तब तो वह बहुत तकलीफ दायक
हो सकता है
वह माफी मांग ले
भविष्य में वह सब फिर से न दोहराए
यह मन है जो एक बार उतर गया सो उतर गया
लाख कोशिश हो फिर भी वह पहले जैसी बात नहीं
माफ किया जा सकता है
विश्वास नहीं
यह बार बार नहीं होता
दिल का मामला है
जिसके साथ विश्वासघात हुआ है
उसे शायद ज्यादा फर्क न पडे
जिसने किया है
उसको जरूर फर्क पडता है
वह एक अनमोल चीज जिसका नाम विश्वास
वह खो चुका होता है
भरोसेमंद नहीं होता
एक पतली सी लकीर बीच में आ जाती है
जो मिटाएं नहीं मिटती ।
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