अन्याय पर न्याय की
असत्य पर सत्य की
बुराई पर अच्छाई की
जीत ही है विजयादशमी
मन पर विजय करना है
मन के रावण का दहन करना है
काम, क्रोध, मत्सर को त्यागना है
अंहकार व्यक्ति को खत्म कर डालता है
महाज्ञानी , महापंडित, चारों वेदों के ज्ञाता , शिव तांडव स्रोत के रचयिता
महान शिव भक्त रावण भी इससे अछूते नहीं रहें
जब रावण का यह हाल
तब साधारण मानव की क्या बिसात
सबसे दूर ईश्वर की भक्ति में रह
विजयादशमी का पर्व मनाए
अपने साथ औरों की भी जय
यही है विजयादशमी का संदेश
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