बडे विस्तृत होते हैं
उसका कोई ओर - छोर नहीं
उसकी थाह पाना आसान नहीं
वह न किसी के मिटाने से मिटते हैं
न किसी के बनाने से बनते हैं
वह तो दिल से दिल को जोड़ते हैं
एक बार जो धर कर जाते हैं
तब इतने मजबूत कि
अपनी जगह से हिलना मुश्किल
अंगद के पैर जैसे
जो जम गए तो जम गए
जो दिल में एक बार बस गया तो बस गया
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