आप पश्चाताप करना चाहते हैं
अंतरआत्मा से आवाज आ रही है
यह जिद यह अहम् सब छोड़ दो
आपने छोड़ भी दिया
सामने वाला आपको माफ नहीं करना चाहता है
वह अभी भी क्रोध की अग्नि में जल रहा है
वह उसको लंबा खींचना चाहता है
तब आप क्या करें
समय दे
क्योंकि आपका अपने पर वश है
दूसरे पर नहीं
तब आप उससे निकलिए
सब समय पर और हालात पर छोड़ दें
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