मैं कौन हूँ??
मैं सीता हूँ त्याग की प्रतिमूर्ति
मैं काली हूँ राक्षसों का संहार करने वाली
मैं गांधारी हूँ जिसने ऑखों पर पट्टी बांध ली क्योंकि अन्याय का प्रतिकार करने का यही रास्ता दिखा
मैं द्रोपदी हूँ जिसको भरी सभा में निर्रवस्र् करने की कोशिश हुई
मैं भगवान बुद्ध की पत्नी यशोधरा हूँ जिसे अर्धरात्रि में सोता छोड़ चले गए
मैं सावित्री हूँ जो यमराज से पति का जीवन मांग लिया
मैं मनु हूँ जो दत्तक पुत्र को पीठ पीछे बांध अंग्रेजों से लड रही थी
मैं भोलेनाथ की अर्धांगनी सती हूँ जो पति का अपमान होते देख भस्म हो गई
मैं राजपूताने की जौहर वाली हूँ जो अग्निकुंड में कूद जान दे दे
मैं इंदिरा हूँ जिसने दुनिया का नक्शा बदल दिया
ऐसे न जाने कितनी
पद्मावती से लेकर अहिल्याबाई होलकर तक
कस्तूरबा से लेकर मीरा कुमार तक
जिद पर आ जाऊं तो कैकयी बन जाऊं
बेटे को तो राजा बनाकर रहूंगी किसी भी कीमत पर
मैं यह सब तो हूँ
इन सब में मैं हूँ
तब कमजोर तो कदापि नहीं
मुझमें प्रतिकार की शक्ति
इतिहास बदलने की शक्ति
घर हो या बाहर
मेरा ही वर्चस्व
वह भले ही मैं जताऊ नहीं
मैं नारी हूँ
जननी हूं
सृष्टि की निर्मात्री हूँ
घरनी हूँ
घर ही मुझसे
हर रूप मेरा
एक अलग कहानी कहता
मुझे समझना इतना आसान नहीं
मैं एक अनसुलझी पहेली हूँ
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