तो कोई सोना
तो कोई चांदी
कोई पीतल तो कोई तांबा
कोई सिक्का तो कोई कपडा
कोई बर्तन तो कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
कोई आलिशान घर तो कोई महंगी गाडी
सबकी अपनी-अपनी ख्वाहिश
सबके अपने-अपने सपने
मैं तो खरीदना चाहती हूँ बस सुकून
अपनों का साथ
प्यार के दो मीठे बोल
थोड़ा सा सम्मान
संतोष और समाधान
नहीं किसी के लिए गिला - शिकवा
खुशियों से पुष्पित हो घर
रिश्तों की मिठास हो दिल में
यह ही वरदान मिले ईश्वर से
बाकी सब तो थोड़ा- बहुत हो ही जाएंगा
जीवन शांति और संतोष से कट ही जाएंगा
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