Wednesday, 2 November 2022

अपने - अपने सपने

   कोई  हीरे - मोती - जवाहरात  खरिदना चाहता है
तो कोई सोना
तो कोई चांदी 
कोई पीतल तो कोई तांबा 
कोई सिक्का तो कोई कपडा
कोई बर्तन तो कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण 
कोई आलिशान घर तो कोई महंगी गाडी 
सबकी अपनी-अपनी ख्वाहिश 
सबके अपने-अपने सपने 
मैं तो खरीदना चाहती हूँ बस सुकून 
अपनों का साथ
प्यार के दो मीठे बोल 
थोड़ा सा सम्मान 
संतोष और समाधान 
नहीं किसी के लिए गिला - शिकवा 
खुशियों से पुष्पित हो घर 
रिश्तों की मिठास हो दिल में 
यह ही वरदान मिले ईश्वर से 
बाकी सब तो थोड़ा- बहुत हो ही जाएंगा 
जीवन शांति और संतोष से कट ही जाएंगा 

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