काम मैं भी करता हूँ
तुम नौकरी करते हो
बडे अफसर हो
दस लोग सलाम करते हैं
कुर्सी पर बैठते हो
मैं ठेले लगाता हूँ
लोगों को सलाम करता हूँ
मीठे से बोलता हूँ
हर कोई मेरे ठेले पर आए
कोई सुनाता है तो सुन भी लेता हूँ
पैसे भी कमाता हूँ
हाँ तुम्हारी तरह ठाठ बांट से कपडे नहीं पहनता
मैं हाथ से काम करता हूँ
तुम कलम से
सब कुछ भिन्न है
एक बात फिर भी है
मैं किसी का नौकर नहीं
अपनी मर्जी का मालिक हूँ
दवाब नहीं है किसका
तभी तो कहा गया है
नौकरी ना करी
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