Friday, 14 April 2023

जनरेशन का रवैया

हमारी सोसायटी में बगीचा है 
वहाँ बच्चों के खेलने के लिए झूले , घुसरगंडी इत्यादि भी है
सीनियर सीटिजन और बडों के लिए भी कुछ झूले हैं 
वाकया कल का ही है
मैं और मेरे पति झूले पर बैठे हुए थे
तभी दो बच्चियाँ आई और पूछने लगी 
आप लोग कितनी देर बैठोगे 
हमने कहा कि कुछ समय 
फिर सोचा जाने दो बच्चे हैं 
पतिदेव उठ गए 
बाहर से कुछ लाना था कहा तुम लोग बैठो 
उनके जाने के बाद उन लडकियों ने मुझे पूछा 
आप कब उठेंगी 
मैंने कहा अंकल आ जाएंगे पांच दस मिनट में तब
तो आप वहाँ बेंच पर जाकर बैठो न 
हम लोग को प्राइवेसी चाहिए 
मैं हक्का-बक्का देखती रह गई 
आखिर उठ गई 
पर मन में यह खयाल जरूर आया 
भलाई का तो जमाना ही नहीं है
और फिर बच्चों को प्राइवेसी 
क्या कहा जाए 
इस जनरेशन को 

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