कानों में हर दम यही आवाज गूंजती है
किसी ने अपनी माँ को पुकारा
लगता मुझे पुकार रहा है
देखती हूँ तो
मुस्कराकर रह जाती हूँ
बच्चों की आवाज रच बस गई है
बरसों बीत गए
बच्चे बडे हो गए
उनके बच्चे भी हो गए
जिस आवाज को सुनकर कभी-कभी गुस्सा आ जाता था
क्या हर वक्त मम्मी मम्मी लगा कर रखा है
आज वह सुनने को तरस जाती हूँ
गलती किसी की नहीं है
समय का तकाजा है
सब काम में व्यस्त हैं
बेवजह कभी भी फोन नहीं लगा सकते
जो आवाज चारों ओर इर्द-गिर्द होती थी
वह कभी - कभार सुनने को मिलती है
क्या है
क्या बार - बार फोन करती हो
इस डांट को सुनकर भी मन को सुकून मिलता है
अभी तुम नहीं समझोगे
यह तो बाद में समझ आता है
माँ- बाप का प्यार क्या होता है
उनकी चिंता
उनकी टोका टोकी
शायद इसके लिए तरस भी जाओगे
बहुत भाग्यशाली होते हैं
जिनकी खोज खबर लेने वाला कोई होता है
पिता का सर पर हाथ
माँ का दुलार
वह ताकत और हिम्मत है
जो बहुमूल्य है
वह किसी और कीमत पर हासिल नहीं होती
बच्चे भी उनके लिए वरदान है
जीने का अर्थ देते हैं
अपने लिए क्या करना
बच्चों के लिए करना
यह तो वही जानता है
जो माता-पिता हो ।
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