शौक नहीं अच्छे गहनों- कपडों का
शौक नहीं ब्रांडेड वस्तुओं का
शौक नहीं साज - श्रृंगार का
बिंदी , चूडियां, बिछिया
यह सब मायने नहीं रखती
सुहाग की निशानी ये हैं
ऐसा मैं नहीं मानती
आवाज मेरी कोयल जैसी मीठी नहीं
बनावटी बात मुझे पसंद नहीं
दिखावा करना मुझे भाता नहीं
चुगली - निंदा से मैं कोसों दूर
चापलूसी - मिन्नते मेरी फितरत में नहीं
कपट - छल करना आदत में शुमार नहीं
फिर भी मैं जो हूँ जैसी भी हूँ
वैसे ही ठीक हूँ
एक साफ - सुथरा मन है
धोखेबाजी - फरेबी नहीं है मुझमें
ताना और व्यंग नहीं मारती
सबसे प्रेम से पेश आती हूँ
किसी को कम नहीं आंकती
छोटा हो या बडा
गरीब हो या अमीर
कदर करना जानती हूँ
शब्द दिल से निकलते हैं
जलन नहीं है किसी से
जो है उसी में संतुष्ट
ईश्वर की भक्ति भी साधारण रूप से ही
कोई ताम झाम नहीं
शेखी नहीं बघारती
घमंड तो मुझे छू भी नहीं गया
हाँ ऐसे में भरपाई भी करना पडता है
कोई मुझे ना समझ तो कोई मुझे बेवकूफ समझता है
मुख पर भी कुछ भी बोल देते हैं
ऐसा नहीं जवाब देना नहीं आता
लिहाज करती हूँ
किसी का दिल नहीं दुखाना चाहती हूँ
अपने से कोई गिला - शिकवा नहीं
अपने बाबूजी की बात याद है
मैंने जिंदगी में धोखा खाया है पर किसी को धोखा दिया नहीं
सामान्य, सीधा और सच्चा यह कमजोरी नहीं होती ।
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