Tuesday, 25 April 2023

भविष्य कैसा ???

आज वह ताकत नहीं रही
शरीर में वह चुस्ती फुर्ती नहीं रही
भविष्य में क्या होगा
यह अनिश्चित है
उम्र बढती जा रही है
वैसे वैसे शक्ति भी क्षीण होती जा रही है
अब भी मन ने हिम्मत नहीं हारी है
अभी भी किसी पर निर्भर नहीं हूँ 
आज भी अपने मन का करती हूँ 
हर इच्छा पूरी कर सकती हूँ 
कोई बंधन नहीं 
जो खाना है 
जो पहनना है 
बंदिशे नहीं 
पर यह समय हमेशा नहीं रहेगा
यह विदित है
यह तब तक जब तक वे
वे नहीं तब सब कुछ होते हुए लाचार 
दूसरों से उम्मीद होती है
उन पर अधिकार नहीं 
बात मानना पडता है मनवाना नहीं 
पिता  की राजकुमारी 
पति की रानी
बस यही दो लोग है
जहाँ और जिस पर चलती है मनमानी 
और तो बस कहने के हैं 
कहाने के हैं 
एक जन्म देता है
दूसरा जन्मों का रिश्ता निभाता है ।

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