एक ने तुझको पाला
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया
यह गाना बहुत बार सुना
आज ऐसा लग रहा है कि कुछ कहूँ
अपने मन की बात
जन्मभूमि जहाँ भी रही हो
मुंबई हमारी कर्मभूमि है
बहुत कुछ दिया है इस शहर ने
बहुत कुछ क्या सब कुछ
इसी की मिट्टी में हम पले - बढे
चौपाटी की रेत में खेले
इसकी सडक पर चले
बसों और ट्रेनों में धडधडाते चढा
यही क ख ग का ककहरा सीखा
यही से विधालय से लेकर महाविद्यालय तक शिक्षा ग्रहण की
नौकरी और सम्मान दिया
सर पर छत और आशियाना दिया
कर्जदार हैं हम
इस शहर का कण-कण हमारी आत्मा में समाया है
हमें क्या हमारे बच्चों को भी यहीं सब कुछ मिला
यह जैसी भी है हमें तो बहुत प्यारी है
यह भागती दौड़ती है
अपने साथ औरों को भी दौड़ लगवाती है
जो इसकी रफ्तार में शामिल
वह तो फर्श से अर्श तक पहुंच ही जाता है
हमारी मुंबई
हम मुंबई कर
महाराष्ट्र को तहे दिल से शुक्रिया करते हैं
क्योंकि महाराष्ट्र में यह बसती है
शान से कहते हैं
जय जय महाराष्ट्र माझा
गरजा महाराष्ट्र माझा
चाहे भी हो जिसने दिया हो जनम
मन तो माँ पालने वाले को ही माने ।
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