हम अच्छी नौकरी और पैसा वाले हैं
हमारे घर काम वाली बाई आती है
गाडी खडी है पार्किग में
लडकी मेडिकल की पढाई कर रही है
होम लोन अदा कर रहे हैं
टैक्स भर रहे हैं
आज बाई से पूछा
कितना कमा लेती हो
घर खर्च कैसे चलता है
वह बोली
मजे से मेम साब
मैं पांच- छह घरों में काम करती हूँ
बीस हजार तो कहीं नहीं गया
मेरा मरद की पगार पचीस हजार रूपया
लडका प्राइवेट नौकरी करता है नाइट काॅलेज में पढता है
उसका बीस हजार
लडकी बारहवीं में है ट्युशन भी करती है
उसको भी आठ हजार मिल जाता है
फिर हम लोग को तो
हर त्योहार में साब लोग देते ही हैं
बोनस , कपडा , मिठाई सब मिलता है
कभी-कभी घर में कुछ बचा हो तब भी मिल जाता है
चलता है
हम लोग आप जैसा बडे लोग नहीं है पर खाते अच्छा हैं
हफ्ते में हमारे घर दो दिन तो नानवेज रहता ही है
अब मैं हिसाब लगाने लगी
असलियत में बडा कौन
सब मिलकर कमाई हमसे ज्यादा
टैक्स की देनदारी बनती नहीं
स्टैण्डर्ड ऑफ लाइफ मेन्टेन की जरूरत नहीं
ताम झाम और दिखावा नहीं
यहाँ तो लोन में ही अटके रहे
होम लोन , एज्युकेशन लोन और न जाने कितने ।
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