Saturday, 22 July 2023

नौकरी पेशा की असलियत

हमको लगता था कि 
हम अच्छी नौकरी और पैसा वाले हैं 
हमारे घर काम वाली बाई आती है
गाडी खडी है पार्किग में 
लडकी मेडिकल की पढाई कर रही है
होम लोन अदा कर रहे हैं 
टैक्स भर रहे हैं 

आज बाई से पूछा 
कितना कमा लेती हो
घर खर्च कैसे चलता है
वह बोली
मजे से मेम साब

मैं पांच- छह घरों में काम करती हूँ 
बीस हजार तो कहीं नहीं गया
मेरा मरद की पगार पचीस हजार रूपया
लडका प्राइवेट नौकरी करता है नाइट काॅलेज में पढता है
उसका बीस हजार 
लडकी बारहवीं में है ट्युशन भी करती है 
उसको भी आठ हजार मिल जाता है
फिर हम लोग को तो 
हर त्योहार में साब लोग देते ही हैं 
बोनस , कपडा , मिठाई सब मिलता है
कभी-कभी घर में कुछ बचा हो तब भी मिल जाता है
चलता है 
हम लोग आप जैसा बडे लोग नहीं है पर खाते अच्छा हैं
हफ्ते में हमारे घर दो दिन तो नानवेज रहता ही है

अब मैं हिसाब लगाने लगी
असलियत में बडा कौन
सब मिलकर कमाई हमसे ज्यादा 
टैक्स की देनदारी बनती नहीं 
स्टैण्डर्ड ऑफ लाइफ मेन्टेन की जरूरत नहीं 
ताम झाम और दिखावा नहीं 
यहाँ तो लोन में ही अटके रहे
होम लोन , एज्युकेशन लोन  और न जाने कितने ।


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