Friday, 11 August 2023

हमारे संसदीय नेता

ये नेता हैं हमारे
आदर्श हैं हमारे
जनता जनार्दन हैं 
जनता की आवाज है
बहुत बडी जिम्मेदारी हैं इनकी
जनता के प्रतिनिधि हैं 
चुने हुए सांसद 
इनको भेजा गया है 
जनता की समस्याओं के निदान के लिए 
प्रजातंत्र का मंदिर संसद 
जिस तरह से व्यवहार 
आरोप - प्रत्यारोप
छींटाकसी और तानेबाजी 
किसी को नीचा दिखाना
प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष 
घटिया से घटिया स्तर पर उतरना
अभद्रता की सारी सीमा पार करना
नारेबाजी और जुमलेबाजी 
पहले भी बहस होती थी
आरोप - प्रत्यारोप होते थे
लेकिन इस स्तर पर नहीं 
इतनी ओछी राजनीति 
ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना
कि सामने पडे तो हिचक हो
लगता है एक - दूसरे के कट्टर दुश्मन हो
एक देशवासी न हो
सब देख रहे हैं 
आने वाली पीढ़ी देख रही है
अपने नेताओं को
क्या मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं 
दुध का धुला तो कोई नहीं है

गुप्त जी की पंक्तियाँ याद आ रही है

टुकड़े टुकड़े हो बिखर चुकी मर्यादा 
उसको दोनों ही पक्षों ने तोड़ा है 
पांडव ने कुछ कम कौरव ने कुछ ज्यादा 

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