कुछ दिन पहले काॅलेज के कुछ बच्चों को पूछा गया
उनको पता नहीं कि उनके प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है
राष्ट्रपिता कौन हैं
राष्ट्रपति कौन हैं
गृहमंत्री कौन हैं
सही भी है
आज नेता दल बदल रहे हैं
पार्टी तोड़ रहे हैं
नैतिकता पार्टी के प्रति समर्पण नहीं दिखता
स्वार्थ और सत्ता
सबको मलाईदार कुर्सी
आज यहाँ तो कल वहाँ
जिसका पलडा भारी
जा मिलते वही
भ्रष्टाचार का नाम लेते हैं और कंठ तक भ्रष्टाचार में डुबे
अपने को किसी तरह बचाना है
उसके लिए कुछ भी करना है
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