तू मिलने चला आए
जब भी बात करना चाहूँ
सब काम काज छोड़ बात कर ले
जब कुछ न बोलू और चुप रहूं
कुरेद कुरेद कर पूछे
क्या बात है
चुप क्यों है , उदास क्यों है
जब बिना बात पर गुस्सा हो जाउँ
चिडचिडा उठूँ
तब भी बुरा न माने
गुस्से में उल्टा-सीधा बोल दू
अब चले जा यहाँ से
तब भी मुस्कराता रहें
पूछे किस बात की टेंशन
बता तो सही
कुछ तो सोल्यूशन निकालेगे
मैं बोलता रहूँ
तू चुपचाप सुनता रहें
मेरे ऑखों में ऑसू देख ऑसू आ जाए
मेरे दुख से द्रवित हो जाएं
सारी दुनिया गलत कहें
उसकी नजर में मैं सही रहूँ
हर मुश्किल घडी में साथ खडा रहे
ऐसा एक दोस्त तो हो
मैं दुर्योधन तू मेरा कर्ण तो हो
यह जानते हुए कि
परिणाम क्या होगा
साथ देने को तत्पर हो
कहीं पढा था
किसी का घर जल गया था सब लोग बाहर खडे हो सांत्वना दे रहे थे
दोस्त को देखकर उसने कहा
सब खत्म हो गया
दोस्त हंसकर कंधे पर हाथ रख बोलता है
तू सही सलामत है ना तो कुछ खत्म नहीं हुआ
एक दोस्त तो ऐसा हो ।
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