Saturday, 30 September 2023

हम संसार के खिलाड़ी

संसार एक मैदान है
हम उसमें खिलाडी है
खेल , खेल रहे हैं 
कभी गिरते - पडते हैं 
चोट लगती है फिर उठ खडे होते हैं 
हारते- जीतते हैं 
कभी-कभी थोड़ी सी गलती से जीत हासिल करने से वंचित रह जाते हैं 
कभी-कभी अच्छा परफार्मेंस न देने पर टीम से निकाल दिए जाते हैं 
कभी-कभी दुर्घटनाग्रस्त होकर हमेशा के लिए छूट जाता है
कभी-कभी मेडल और पुरस्कार भी मिलते हैं 
मान - सम्मान प्राप्त होता है 
आटोग्राफ के लिए लालायित रहते हैं 
कहीं कोई तवज्जों भी नहीं देता 
अच्छा करने पर ताली और न करने पर गाली 
खेल रहे हैं  , दौड़ रहे हैं 
जिंदगी जहाँ चाहे वहाँ 
हार - जीत की अनिश्चितता के साथ
कब पासा पलटें इससे अंजान 
जब तक शरीर में सांस तब तक आस 
समय बीतता चला जाता है
हम भी उठते - बैठते , गिरते - पडते 
हारते - जीतते  बस चलते रहते हैं 
खेलना छूटता नहीं 
जब तक कि सांस टूटती नहीं 
जाने के बाद लोग याद करते हैं 
हम कैसे खिलाडी थे 
सफल या असफल ।

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