Friday, 29 September 2023

मैं बाप हूँ

तुम गोद में लेकर बैठी रहो
तुम पुचकारती रहो
लाड लडाती रहो
मैं दूर से ही देख कर खुश हो लूंगा 
मैं बाप हूँ 
मुझे उनके भविष्य का इंतजाम करना है
मनुहार कर खाना खिलाने का समय
हठ करने पर दुलराने का समय 
मेरे पास नहीं है
मैं प्यार नहीं करता ऐसा नहीं है
एक बाप के दिल में झांक कर देखों 
तुम तो नौ महीने गर्भ में रखती हो
मैं तो उसी दिन से ताउम्र मस्तिष्क में रख लेता हूँ 
जब वह तुमसे गले मिलता है तब मैं कनखियों से देखता हूँ 
उसको ध्यान से निहारता हूँ 
कितना बडा हो रहा है
प्यार पर कर्तव्य हावी हो जाता है
मैंने जो गलतियाँ की वह यह कभी न करें 
उसकी हर हरकत पर नजर रहती है
अपने पैदल चलता हूँ तब उसके लिए साईकिल लाता हूँ 
बाॅस की डांट सुनता हूँ तब उसकी हंसी देखता हूँ 
वह फोन तुम्हें करता है इंतजार मैं करता हूँ 
माँ- बेटे की बात बडे ध्यान से सुनता हूँ 
तुम जितनी करीब हो उसके उतना मैं नहीं 
मैं पाइ - पाइ बचाता हूं ताकि उसको जेबखर्च में कम न हो
तुम धरती हो तो मैं आसमान हूँ 
वह विशाल जिसके नीचे उसका जीवन हंसता - खिलखिलाता रहें 
तुम्हारी ऑख में पानी रहता है मेरी ऑख तो उसे देखे बिना सूख जाती है
अपना अंश ढूढता हूँ उसमें 
प्यार बाप भी करता है वह दिखता नहीं 
जो दिखता नहीं वह हैं नहीं ऐसा तो नहीं 
राम के वियोग में प्राण राजा दशरथ के गए थे रानी कौशल्या के नहीं 
बाप तो बाप होता है सब एक तरफ बाप एक तरफ 
उसकी प्यार और ममता को तराजू में न तौला जाएं 
वह सब पर भारी होता है ।

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