Sunday, 24 September 2023

Happy Daughter's day

मैंने आपको पढना - लिखना सिखाया 
 दुनिया का सामना करना सिखाया
आपने मुझे समय के साथ कैसे बदलना है यह सिखाया 
नयी  टेक्नोलॉजी सिखायी 
मोबाइल दिलाया 
फेसबुक- वाट्स अप और इंस्टाग्राम सिखाया
यह सीखने - सिखाने का सिलसिला चलता रहें 
मैंने आपको कपड़े पहनना सिखाया
आपने मुझे फैशन सिखाया
मैंने आपको घर के खाने का स्वाद चखाया 
आपने मुझे बडे - बडे होटल्स की डिश खिलाई
मैंने साधारण चप्पल - जूते पहनाए 
आपने मुझे ब्रांडेड दिलाएँ 
मैंने तो काॅपी- कलम पकड़ाई 
आपने तो मुझे डिग्रियों का तोहफा दिया
मैंने तो उंगली पकड़ चलना सिखाया
आपने तो हाथ पकड़ सडक पार करवाया 
मैंने तो छोटे से बगीचे में खिलाया 
आपने तो दर्शनीय स्थलों का सैर करवाया 
कभी मैंने माँ बनकर सिखाया 
आज आप बेटी बनकर सिखा रही है
कभी मैंने तुमको दुनिया दिखलाई 
आज दुनिया को तुम मुझे दिखला रही हो
मुझे दुनिया से क्या लेना-देना 
मेरी दुनिया तो आप ही हो
मेरी जान बसती है
मेरी सांस और धड़कन में एक नाम हमेशा रहता है
मेरा संसार मेरा स्वर्ग 
मेरा पहला अभिमान 
जिस दिन तुम्हें पाया 
वह मेरे जीवन का स्वर्णिम क्षण 
बेटा वंश होता है तो बेटी माँ की अंश होती है 
यही तो फर्क है
अंश तो अपना ही होता है 
कहने को तो जुदा होती है बेटियाँ 
पराया होती है बेटियाँ 
वह परायापन अपनेपन पर भारी होता है
तभी तो बेटी दूर होकर भी मन के पास होती है
जहाँ भी रहें सदा खुश रहें 
एक माँ की एक यही दुआ होती है  

No comments:

Post a Comment