हमने उसका लाभ उठाया
किसी ने फूल लगाया
खुशबू उसकी हमने ली
किसी ने घर बनाया
उसका आनंद हमने लिया
किसी ने गुलामी की जंजीरों को कांटा
आजादी की हवा में सांस हमने ली
किसी ने किया तो वह हमको मिला
हम करेंगे तो किसी और को
यही तो नियम है सृष्टि का
सृजन कोई और उपभोग कोई और
कर्म करना है बिना यह सोचे
उसका फल हमको मिलेगा या नहीं
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