इन लडखडाते कदमों से थोड़ा चलना सीख ले
इन कंपकंपाते हाथों में हाथ डाले कुछ घडियां गुजार ले
इन धुंधलाती ऑखों से दुनिया को जी भर निहार ले
इन बहुमूल्य पलों को यू ही न गंवा दे
कुछ हंस ले कुछ बतिया ले
बूढा से बच्चा बन जाएं
आज हैं तो जो करना है कर ले
शायद कल हो या न हो ।
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