कोई खास फर्क नहीं
अभिनेता परदे पर अभिनय करता
नेता जनता के सामने अभिनय करता
शिक्षा और डिग्री की नहीं किसी को दरकार
नवी और दसवीं पास बन सकता है दोनों
परचम भी फहराता है
ऐसा नहीं कि पढे लिखों की कमी
वे भी आते हैं राजनीति और अभिनय में
होता यह है कि
उनके पास विरासत नहीं
आगे आने का तो प्रश्न नहीं
चलते हैं पीछे पीछे
चमचे औ पिछलग्गू बन रह जाते हैं
जो नहीं करते
वे हो जाते हैं बाहर
अभिनेता भी अब नेता बन रहा है
नेता तो चुनाव के समय अभिनय करते हैं
ये तो हर वक्त
फिल्म नहीं चली तो राजनीति में नाम चमका लिया
दोनों जगह तो कमोबेश यही करना है
जनता को रिझाना है
अपनी जेब भरना है
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