Monday, 15 January 2024

खिचड़ी आज खाना है

खिचड़ी आज खाना है
मौज मनाना है
चूडा- दही खाना है
पतंग उडाना है
तील- गुड  बांटना है
तरह-तरह के लड्डू बनाना है
सूर्य देव का स्वागत करना है
आज किसी एक का दिन नहीं 
सबका है
खिचड़ी जो है सारे भेद मिटा देती है
सबकी पहुँच में रहती है
नहीं मंहगा 
बस दाल - चावल से बन जाती है
यह पकवान भले न हो
सबको इसका इंतजार रहता है
कारण इसका स्वभाव है
सबको अपने में समाहित कर लेती है
कितनी भी तरह की दालें, सब्जी , नमक , हल्दी, चावल - घी -मसाले  डाल कर बनती है
स्वादिष्ट भी 
संदेश देती खिचड़ी 
सबको साथ लेकर चलती
नहीं किसी से भेदभाव 

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