राम लला के स्वागत की तैयारी
जन जन के मन के नायक
मर्यादा पुरुषोत्तम
प्रजापालक
हर किसी को लेकर चलने वाले
वे ही हमारे आराध्य विराजमान होने वाले हैं
शुभ दिन आ रहा है
भगवा लहरा रहा है
सनातन धर्म की जय जयकार हो रही है
मन आह्लादित है
हजारों दीप जल रहे हैं
एक बहुप्रतिक्षित अभिलाषा पूरी हो रही है
हम घर में राम तिरपाल में
दुख होता था
जिस किसी का भी योगदान
जिस किसी की भी भागीदारी
मंदिर निर्माण और राम जी को स्थापित करने में
हर उस शख्स का शुक्रिया
वह कोई भी हो
फर्क नहीं पडता
बस राम को लाने में जिनकी भूमिका रही है
हर उस शख्स को सलाम
क्या बोले
बस एक ही शब्द
मुख से राम राम राम राम , जय सिया राम
वही काफी है
राम धुन बजे हम प्रसन्न हो झूमें
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
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