यह परीक्षा है
इसे तो देना ही पडेगा
अभी तो शुरुवात है
पहली सीढ़ी है
ऐसे न जाने कितनी सीढियां चढनी होगी
गिरोगे भी संभलोगे भी
तुम्हारे साथ तब कोई नहीं रहेगा
अकेले ही सब करना होगा
अभी तो माता-पिता हैं शिक्षक हैं
कोई बात नहीं
अंक कम आए
परसन्टेज कम आए
प्रयास करना काम तुम्हारा
जो होगा देखा जाएगा
क्यों तनाव पालना
प्रधानमंत्री जी ने सही कहा
हंसो , मित्रों संग बात करो
जोक्स बोलो
अपनी तुलना किसी से क्यों करना
तुम तो अपने आप में यूनिक हो
जो तुममें बात वह शायद दूसरों में नहीं
अभी तो किताब पढकर परीक्षा देना है
अनुभव तो बाकी ही है
धीरे-धीरे होगा
समय से ही सब
माली सीचत सौ घडा
ऋतु आए फल देत
मोदी जी ने भी शायद कभी न सोचा होगा
वे भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे
बस पढते रहो , परीक्षा देते रहो
मंजिल पर पहुंच ही जाओगे
शिक्षा कभी बेकार नहीं होती ।
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