हैं नहीं दुश्मन से कम
दुश्मन से तो सब सतर्क
उनसे कैसे
जो मुख में मिठास लिए
आगे - पीछे डोलते
कब जाने कब पीठ में छुरा भोक दे
सावधान हो जाएं
आपके आसपास ही है उनका वास
आप इससे हैं अंजान
जल्दी पहचान ले
नहीं तो होगा बडा पछतावा
गिरेगे ऐसे जमीन पर
उठना भी होगा मुश्किल
इनकी चमडी होती बडी मजबूत
नहीं किसी बात का इन पर कोई असर
बस घात लगाए रहते
वार करने को तैयार
आप भी तैयार रहो
इनको पहचान लो ।
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