Saturday, 3 February 2024

हर पल अच्छा

मैंने बर्दाश्त की है 
अपने हिस्से की हर तकलीफ 
तकलीफ सहने की भी एक हद तक
अब तो सीमा पार हो चुकी 
रब का शुक्रिया 
हर तकलीफ को सहने की क्षमता दी 
लगा ही नहीं 
कुछ तकलीफ हुई
सब आसान हो गया
सब लगता है कल की बातें 
बातें करते करते उम्र गुजर गयी 
कुछ हिस्सा ही बाकी है
वह भी आपकी कृपा दृष्टि से गुजर ही जाएंगी
सोचती हूँ 
पीछे मुड़कर देखती हूँ 
सब अच्छा सब ठीक 
जो गुजरा वह भी अच्छा 
जो गुजर रहा है वह भी अच्छा 
जो गुजरेंगा वह भी अच्छा 

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