Wednesday, 27 March 2024

मृत्यु??

मृत्यु से डरता है इंसान 
ना जाने क्या-क्या जतन करता है
यह पता है
उसको आना है
कब आएंगी दबे पाँव और सब छीन ले जाएंगी 
वह बेबस - लाचार सा कुछ ना कर पाएंगा 
चल देगा साथ उसके 
आना तो उसको एक बार है
जीना तो हर रोज हर बार है
तब क्यों ना उससे दो - दो हाथ कर लिया जाएं 
जिंदगी को पूरा जी लिया जाएं 
ताकि वह भी दूर खडी सोचे 
इसे तो कोई फर्क नहीं पडता 
मरे या जीए 
सच में फर्क ना हो किसी को 
जिस पर हमारा वश नहीं 
उसका तो कुछ नहीं कर सकते 
जिंदगी पर तो हमारा वश है तो उसमें एक मुस्कान भर ले 
जी भर जीए मन से मरे 
साथ हो या ना हो
ना होने के बाद भी याद हो 

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