Sunday, 14 April 2024

बेरोजगार को रोजगार

कुछ युवकों की बात चीत 

एक - यार बोर हो गए घर में बैठ
दूसरा- हर कोई हिकारत की नजर से देखता है भाई
तीसरा - अपनी तो कोई इज्जत ही नहीं 
चौथा  - खाने के लाले पडे हैं और इसे इज्जत की पडी है
तभी एक आता है उछलते हुए 
क्या हुआ क्या हुआ     सब बोल पडे 
अरे इलेक्शन आ रहा है भाई
सब को कार्य कर्ता चाहिए 
चाय - नाश्ता  , खाना - पीना और पैसा ऊपर से
इसके अलावा मान - सम्मान 
भविष्य में नेता भी बन सकते हैं 
यहाँ बैठे रहते हैं निठल्ले और गप्प- शप ही 
सभा में बैठेंगे और भाषण सुनेंगे 
यहाँ- वहाँ भटकने से अच्छा  रैली  में चलेगे 
रोजगार मिल रहा है ना बस
हर दिन किसी न किसी की रैली 
कुछ दिनों का तो जुगाड़ हो ही जाएंगा 
फिर आगे जीतने पर भी जुलुस 
मजे ही मजे 
तब फिर चलते हैं और सब उठ खडे हुए 
हंसते - खिलखिलाते चल पडे 

किसी ने सही कहा है
हाथों में पत्थर और होठों पर नारा 
यही है भविष्य हमारा  

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