बाबासाहब की जयंती पर लोग दर्शन करने आए थे कतार में खड़े थे
पत्रकार महोदय के पूछने पर एक महिला ने जवाब दिया
हमको किसी पार्टी से मतलब नहीं है ना मंदिर - मस्जिद से लेना - देना है
न हम व्रत - उपवास करते हैं ना किसी साधु - महात्मा के पास जाते हैं
हमारे सर्वेसर्वा यही हैं
एक क्षण को तो लगा कि क्या कह रही है
तभी मन से आवाज आई
सही तो कह रही है ।उनके लिए तो यह महामानव ही भगवान है
भगवान के रास्ते भी तो उनके लिए बंद थे
मनुष्य समझा ही नहीं जाता था अछूत माना जाता था
आज सर उठाकर बात कर रहे हैं
सफलता का परचम फहरा रहे हैं
बराबरी का हक दिया है संविधान निर्माता ने
तब उनको भगवान मानना लाजमी है
ईश्वर को नहीं देखा पर ईश्वर के रूप में मनुष्य को देखा है
वह है बाबा साहब आम्बेडकर 🙏🙏🙏🙏
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