जब चढता है तब सर चढकर बोलता है
किसी को धन का नशा
किसी को किताब का नशा
किसी को गाॅसिप का नशा
किसी को शराब का नशा
नशे में डुबकी लगाता हुआ शख्स
बस एक ही दिखता है उसे चारो ओर
वह नशे में इस तरह डूबता है
उसको और कुछ नहीं दिखता
भले घर बर्बाद हो
भले अपराधी बनना हो
भले ऊंचाई पर पहुंचना हो
यह ध्यान रखा जाना चाहिए
कि नशा कैसा है
यह हमको गिराता है या ऊंचा उठाता है
नशे में डुबकी लगाओ जी भर कर
बस थोड़ा संभल कर
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