उसकी ही संतानों ने उसे नोचा तब तक
जब तक मांस का एक टुकड़ा भी रहा तन पर
यह भी तो कर्मों का ही लेखा है
अपनी ही संतान को जन्म देने से नाश
जिंदगी फिर डंक मारने के लिए तो बचती नहीं है
हाॅ अपने जैसे दो - चार पैदा कर जाती है
मरने के बाद भी निशानी छोड जाती है
कुछ भला तो नहीं किया
नया डंक मारने वाले को तैयार कर दिया
समाज में भी बहुत से बिच्छू घूम रहे हैं
कुछ हैं नहीं
लेकिन उनके वारिस हैं तहलका मचाने को
लोगों को डराने को
लूट पाट मचाने को
विरासत में मिलती है यह सत्ता
अपराध जगत के बादशाह का बेटा भी बादशाह ही रहता है
हुकुमत चलाता है
यह सिलसिला चलता रहा है
समाज देखता रहा है
सदियों से यही होता आया है ।
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