हर वक्त रहते साथ में
हमें अक्सर शिकायत
यह दुख ही रहता है
सुख गायब रहता है
ऐसा नहीं है
बस समझ का फेर है
हम ढूंढे तो उसे
नजर तो दौड़ाए
एहसास तो करें
हम केवल दुख को कोसते रहते हैं
सुख भी है उसके साथ
अपने बच्चों की डांट में
अपने बच्चों की हंसी में
अपनी माँ के आशीर्वाद में
अपने भाईयों के नोक झोंक में
किसी खाने के स्वाद में
किसी पडोसी के हाय में
किसी अजनबी की मुस्कान में
किसी काम की सफलता में
ईश्वर का दर्शन हुआ बिना भीड़ के
बस - ट्रेन में बैठने की सीट मिली
बहुत मुश्किल काम आसान बना
पड़ोसी से खूब गपशप
हवा चली गर्मी से निजात मिली
आज पानी पूरा दिन मिला
आज बिजली गायब नहीं हुई
आज दरवाजे पर ही ऑटो खड़ा मिला
आज पोते को खूब दुलराया
आज नाती ज्यादा चोट लगने से बचा
आज तबियत कुछ ठीक है
आज कोई अच्छा समाचार मिला
ऐसी न जाने कितने रोज रोज
दुखी होने का कारण ढूंढो
खुशी और सुखी का कोई कारण नहीं
बस जब मिले
थोड़ा ही सही
खुश हो लो
महसूस कर लो
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